काश कुछ समय और रूक जातें
बहुत कुछ बाकी रह गया था
हमने अभी तो शुरुआत ही की थी
समाज को आगे बढ़ाने की
आपके मार्गदर्शन में
हमें बहुत कार्य करना था
काश आप कुछ समय और रूक जातें
फिर भी हम आपके सपनों को
हमसे जितना हो सके
पूरा करने का प्रयास करेंगे।
: सुरेश डुडवे
(आदरणीय इंजीनियर श्री काहारिया सेनानी की याद में)
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