Thursday 13 May 2021

काश कुछ समय और रुक जातें

काश कुछ समय और रूक जातें बहुत कुछ बाकी रह गया था हमने अभी तो शुरुआत ही की थी समाज को आगे बढ़ाने की आपके मार्गदर्शन में हमें बहुत कार्य करना था काश आप कुछ समय और रूक जातें फिर भी हम आपके सपनों को हमसे जितना हो सके पूरा करने का प्रयास करेंगे। : सुरेश डुडवे (आदरणीय इंजीनियर श्री काहारिया सेनानी की याद में)

Monday 10 May 2021

नशे की लत

नशे की लत नशे की लत ने उसे पूरी तरह से खोखला कर दिया था। पिछले साल उसे खून की उल्टियां होने लगी थी, तब जैसे-वैसे परिवार वालों ने भाग-दौड़ कर उसका ईलाज करवाया, जिससे उसे नया जीवन मिला। कुछ समय वह नशे से दूर रहा। लेकिन फिर से वह नशे की ओर बढ़ने लगा। कहते है ना कि पहले इंसान शराब को पीता है, फिर एक दिन शराब ही इंसान को पीने लगती है। वही स्थिति आज उसकी हो गई है। अब वह शराब के साथ-साथ जुआ की ओर भी बढ़ गया। वह घर वालों की मेहनत को पैसों को पानी की तरह बहाने लगा। घर वाले उसकी इस आदत से तंग आ गए। आज वह कुछ ज्यादा ही नशा करके घर आया। बीबी-बच्चों ने मेहनत करके कुछ पैसें बचाएं हुवे थे। वह आकर पैसें मांगने लगा। मना करने पर झगड़ा करने लगा। बच्चों ने आज मन बना ही लिया था कि आज किसी भी हालात में इसे नशे और जुएं के लिए पैसें नहीं देने हैं। इसलिए उसने बच्चों और बीबी के साथ गाली-गलौच करने लगा हाथापाई पर उतर आया। बच्चों ने इस बार उसे अच्छे से पीट दिया और बोल दिया आपने पुरे परिवार की मेहनत के पैसों को नशे और जुएं में लगा दिया अब एक पैसा नहीं मिलने वाला। अब हम भी समझदार हो चुके हैं। इसलिए अब ये सब बंद करो तब जाके रोटी मिलेगी। : सुरेश डुडवे

Saturday 8 May 2021

चिंतनीय

चिंतनीय बादल उम्र करीब 8 साल, पैर में टूटी हुई चप्पलें, फटा हुआ टी शर्ट लगभग उसी हालात में उसकी पेंट । मुंह में तंबाकू थी उसके । मैंने पूछा-“ स्कुल जाते हो?” उसने जवाब दिया-“हां जाता हूं। लेकिन स्कूल पिछले एक साल से बंद है।” तुम्हारे मम्मी पापा क्या करतें हैं? जवाब आया- ईट-भट्टे पर काम करतें हैं। तुमने ये तंबाकू खाना कहां से सीखी? उसने कहा-“ घर में बड़ी दीदी भैय्या से।” पिताजी आपको डांटते नहीं? उसने कहा-“ वो खुद दारू पीकर हमेशा रहता है तो उसे कहां फुर्सत।“ इतना सुनते ही मन में अजीब सा सवाल पैदा हुआ? आज ये आठ साल का बच्चा तम्बाकू जैसे नशीली पदार्थ का सेवन क्यों करने लगा? अगर इसे रोका नहीं गया तो जीवन में और किस किस प्रकार का नशा करने लगेगा? इसके जिम्मेदार कौन है? क्या उसके माता-पिता या उसका समाज? मैंने उसे समझाया अब कल से तुम नशा करना छोड़ देना। अगर नशा करोगे तो तुम्हारा शरीर खराब हो जाएगा। आज वह मिल गया बोला-“ भैया मैंने तंबाकू छोड़ दी है।” उसकी ये बात सुनकर अच्छा लगा। : सुरेश डुडवे

Monday 3 April 2017

अब आ गया समय

अब आ गया समय
नींद से जगने का
अपने आप को पहचानने का
अपने इतिहास को खँगालने का
अपनी संस्कृति भाषा व अस्मिता को बचाने का
अब आ गया समय
अब नहीं जागोगे तो कब
अब जागना होगा
उठो जागो लिखों-पढ़ो
शोषण के खिलाफ लड़ो
अन्याय के खिलाफ बोलो
अब आ गया समय ।





अब मैं भी  लिखूंगा

अब मैं भी लिखूंगा
अब तक मेरे गीत मौखिक थे
अब इन्हे लिखूंगा
मेरे समाज के
वीरों के संघर्ष का
इतिहास लिखूंगा
साहित्य लिखूंगा
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       सुरेश डूडवे
पीएच॰डी॰हिंदी
तमिलनाडू केंद्रीय विश्वविद्यालय
मो॰ 9766578166

ईमेल- dudwesuresh6@gmail.com